उन्होंने कहा, ''मैं याद दिलाना चाहूंगा कि स्पीकर का पद भी राज्यपाल की तरह ही संवैधानिक है।''
कोलकाता। हाल ही में संपन्न हुए उत्तर बंगाल की जलपाईगुड़ी जिले की धूपगुड़ी विधानसभा सीट पर जीत दर्ज करने वाले तृणमूल कांग्रेस के विधायक निर्मल चंद्र राय के शपथ ग्रहण को लेकर राज्य सरकार और राज भवन में फिर तकरार शुरू हो गई है। हालांकि विधायक का शपथ अभी तक नहीं हुआ है।
नवनिर्वाचित विधायक को शुक्रवार देर शाम राजभवन से एक फोन आया, जहां विधायक से पूछा गया कि क्या उन्हें राजभवन में शपथ लेने में कोई समस्या होगी। तनाव इसलिए पैदा हुआ क्योंकि राजभवन ने राज्य के संसदीय कार्य विभाग को दरकिनार कर नवनिर्वाचित विधायक को पत्र भेजा। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि इस संचार से यह स्पष्ट है कि राज्यपाल न केवल नवनिर्वाचित विधायक को शपथ दिलाने की जिम्मेदारी स्पीकर को सौंपने के बजाय खुद यह काम करना चाहते हैं, बल्कि यह भी चाहते हैं कि यह समारोह विधानसभा परिसर के बजाय राजभवन में आयोजित किया जाए। इस घटनाक्रम ने राज्य के संसदीय मामलों के मंत्री शोभन देव चटर्जी ने सवाल खड़ा किया है। उन्होंने शनिवार को दावा किया कि राजभवन द्वारा विधानसभा और राज्य संसदीय मामलों के विभाग को दरकिनार कर उठाया गया यह कदम स्वस्थ राजभवन और सरकार के बीच तालमेल को बिगाड़ेगा। उन्होंने कहा, “ऐसा लगता है कि राज्यपाल मौजूदा व्यवस्था को पूरी तरह से दरकिनार कर रहे हैं। राज्यपाल जो करने की कोशिश कर रहे हैं वह भारतीय संविधान और संसदीय लोकतांत्रिक प्रणाली के खिलाफ है।”
राज्य विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी के अनुसार, हालांकि राज्यपाल को किसी भी निर्वाचित विधायक को शपथ दिलाने की स्वतंत्रता है, लेकिन औचित्य यही है कि उस उद्देश्य के लिए कार्यक्रम किसी अन्य स्थान के बजाय विधानसभा परिसर में आयोजित किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ''मैं याद दिलाना चाहूंगा कि स्पीकर का पद भी राज्यपाल की तरह ही संवैधानिक है।''